क्या खेला हो रहा है स्टॉक मार्केट में अस्थिर है या स्थिर : Is unstable or stable
क्या खेला हो रहा है स्टॉक मार्केट में अस्थिर है या स्थिर : Is unstable or stable
स्टॉक मार्केट में बड़ी हलचल बनी हुई है पिछले दो सत्रों में भी स्टॉक मार्केट उतार-चढ़ाव वाला रहा था और आज का स्टॉक मार्केट भी भारी उतार-चढ़ाव वाला रहा क्या है संकेत ? मार्केट अस्थिरता दिखा रहा है या स्थिर है ?
आज का स्टॉक मार्केट खुलते ही औंधे मुंह गिरा और 11 बजे से फिर धीरे-धीरे ऊपर उठा 1:10 बजे फिर कुछ गिरा और फिर धीरे-धीरे ऊपर चढते हुये हरे रंग में बंद हुआ। आज का मार्केट लोगों की समझ से ही बाहर रहा आखिर ये कैसा ड्रामा चल रहा है।
मार्केट के चार्ट को देखने के बाद सारा खेल उधेड़-बुन उत्पन्न करने वाला लगता है
मार्केट आखिर गिरा क्यों
किसी प्रकार की कोई नकारात्मक बातें नहीं देखी गयी है जिससे मार्केट का गिरना सिद्ध होता हो। इतनी बड़ी गिरावट के पीछे कोई बड़ा कारण होना आवश्यक होता है।
आज के ड्रामा को समझने के लिये हमें पिछले दो सत्रों को भी थोड़ा समझना होगा। इससे पहले भी 9 मई को मार्केट गिरा था और 22000 के नीचे Nifty 50 बंद हुआ था जिससे लोगों ने दो अर्थ लगाये थे :
- पहला तो यह कि अब मार्केट आगे और गिरेगा।
- दूसरा यह कि कमजोर सरकार बनने का संकेत है।
लेकिन फिर अगले दिन 10 मई को फिर से मार्केट (Nifty 50) चढ़ते हुये 22000 के ऊपर बंद हुआ। इसके भी दो अर्थ लिये गये :
- प्रथम ये कि मार्केट ने 22000 का सपोर्ट बनाये रखा है और गिरने की संभावना नहीं बनती है।
- दूसरा ये कि कमजोर सरकार बनने वाली बात भी निराधार है।
आज का स्टॉक मार्केट
आज का स्टॉक मार्केट फिर से भारी गिरावट दिखाते हुये भय का वातावरण बनाने में 4-5 घंटे तक सफल रहा था, लेकिन कहीं न कहीं बनावटी भय था जो अंत तक टिक नहीं पाया और मार्केट ऊपर चढ़ते हुये हरे निशान के साथ बंद हुआ। इससे जो बातें लोगों के समझ में आई वो इस प्रकार हैं :
- Nifty 50 का 22000 पर Strong Suport बना हुआ है।
- मार्केट गिरता है या बलपूर्वक गिराने का प्रयास किया जा रहा है ये भी लोगों कि समझ में आ गया।
- चुनाव परिणाम को लेकर भ्रम उत्पन्न करने के लिये संभवतः ऐसा हो रहा है और वो लोग डट गये जो मजबूत सरकार बनते हुये देख रहे हैं जिससे खुलते ही औंधे मुंह गिरने के बाद भी अंततः हरे निशान में ही बंद हुआ।
यदि डेली चार्ट और कैंडल को देखें तो आगे मार्केट ऊपर चढ़ने का संकेत देता दिखाई पड़ता है। किन्तु यदि गिरावट हुई तो गिरावट बड़ी होगी ऐसा भी लगता है। इसका सीधा संबंध लोकसभा चुनाव से ही दिखाई दे रहा है। ये कहना थोड़ा मुश्किल लगता है कि चुनाव परिणाम के आकलन से ऐसा हो रहा है अथवा चुनाव परिणाम को प्रभावित करने के लिये ऐसा किया जा रहा है।